आईएसओ कंटेनरों का कैबोटेज
देश में आयात एवं निर्यात के अंतर को संतुलित करने के लिए कॉनकॉर द्वारा शीपिंग लाइन के खाली कंटेनरों का गहन आवागमन का कार्य किया जा रहा है। विशेषकर उन मार्गो पर जहां रेल अथवा सड़क द्वारा आंतरिक यातायात सामानान्तर आवागमन हेतु उपलब्ध होता है, वहां पर खाली कंटेनरों का आवागमन व्यर्थ क्षमता दर्शाता है। जो शिपिंग लाइनें खाली कंटेनरों की बैलेंसिग मूवमेंट के रूप में आवागमन करना चाहती है, उनके लिए कॉनकॉर ने अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए, केबोटेज की सुविधा भी प्रदान की है। एक कैबोटेज्ड कंटेनर ‘शिपिंग कंपनी द्वारा कंटेनर ले जाने वाली कंपनी को (यहां कॉनकॉर) बहुत ही कम समय के लिए (सामान्यत: एवं एक तरफ की यात्रा हेतु) उधार पर दिया जाता है। इस यात्रा के दौरान, कंटेनर ले जाने वाली कंपनी को घरेलू माल ले जाने के लिए कंटेनर के उपयोग की अनुमति होती है’। इन कंटेनरों की ‘कैबोटेजिंग’ के द्वारा कॉनकॉर शिपिंग लाइन एवं घरेलू ग्राहक दोनों को काफी छूट प्रदान कर सकता है। वाल्यूम और लाभ बढाने हेतु इस क्षेत्र को महत्पूर्ण माना जा रहा है
कॉनकॉर द्वारा दिल्ली और मुंबई के बीच के आयात/निर्यात के मुख्य मार्ग पर यह केबोटेज सेवाएं नियमित रूप से ही जाती है। इसके अतिरिक्त, मांगने पर, दूसरे आवागमन पर भी दी जाती है बशर्ते पर्याप्त मात्रा में आंतरिक यातायात वाल्यूम उपलब्ध हो। जैसा कि मालूम है कि 40 फीट कंटेनर, कॉनकॉर के अपने आंतरिक बेड़े में नहीं है अत: सभी तरह के 40 फीट वाले कंटेनरों के आंतरिक आवागम का कार्य केबोटेज के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय (40 फीट वाले) कंटेनरों में किया जाता है।