टर्मिनल सेवा प्रभारों की माफी संबंधी कॉनकॉर नीति
टर्मिनल सेवा प्रभारों की माफी संबंधी कॉनकॉर नीति पर मार्गदर्शी सूचना
व्यावसायिकों (आयात-निर्यात और आंतरिक) को कॉनकॉर के किसी भी कंटेनर टर्मिनल पर टर्मिनल सेवा प्रभार में माफी हेतु अनुरोध करते समय कॉनकॉर की निम्नलिखित स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए
- टीएससी में माफी की अनुमति हेतु ग्राहक को अधिकारपूर्वक दावा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सक्षम प्राधिकारी की स्वैच्छिक शक्तियों में अंतर्निहित है।
- टीएससी में माफी हेतु आवेदन पर मामले की गुणवत्ता के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी। सामान्यत: टर्मिनल सेवा प्रभारों पर कोई माफी नहीं दी जाती।
- ‘शिपर’ द्वारा सीमाशुल्क विभाग से ‘कस्टम आऊट ऑफ चार्ज’ प्रमाणपत्र लेने के बाद ही टीएससी में माफी हेतु अनुरोध दिया जाना चाहिए। यदि ग्राहक टर्मिनल/ क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर दी गई माफी से संतुष्ट नहीं है तो वह निगमित कार्यालय में उच्चतर प्राधिकारी को अपील कर सकता है। इस प्रकार के अनुरोध पर तभी विचार किया जाएगा जब ग्राहक ने सभी आवश्यक देय का भुगतान करके कन्साइनमेंट की डिलीवरी ले ली हो।
- टीएससी में माफी हेतु आवेदन डिलीवरी लेने की तारीख के तीन माह के अंदर कर देना चाहिए। इस संबंध में देरी को केवल कार्यात्मक निदेशक द्वारा माफ किया जा सकता है।
- इस प्रकार के आवेदन को निरस्त करने के निर्णय के विरूद्ध निर्णय प्राधिकारी से उच्चतर प्राधिकारी के पास अपील की जा सकती है। इस तरह की अपील निर्णय की सूचना मिलने के एक माह के अंदर दायर की जानी चाहिए।
- कॉनकॉर टीएससी में माफी देने के लिए बाध्य नहीं है भले ही सीमाशुल्क विभाग द्वारा जारी किया गया ‘डिटेनशन सर्टिफिकेट’ प्रस्तुत किया गया हो। ऐसे मामलों में, जहां ‘ग्राउंड रेंट’ का ‘अक्रुअल’ कार्गो के निरीक्षण और निकासी हेतु अनुमति में अधिक समय लिया गया हो, ऐसे मामलें में, जहां कार्गो को लेबोरेटरी परीक्षण हेतु भेजा जाता है, यदि परीक्षण का परिणाम आयातक के पक्ष में नहीं आता है तो कोई माफी नहीं दी जाएगी।
- यदि सीमाशुल्क प्राधिकारियों द्वारा कोई जुर्माना/अर्थदंड/व्यक्तिगत दंड/चेतावनी दी गई हो या निर्धारिती मूल्य में विवाद के कारण कोई देरी हुई हो तो ऐसे मामलों में माफी हेतु किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
- ऐसे मामलों में जहां टीएससी को पूर्णत: या आंशिक रूप से माफ किया गया हो तो ‘प्रोसेसिंग पीरियड’ के लिए कोई भी टीएससी नहीं लिया जाएगा (बशर्ते कि सीओओसी, अनुरोध करने से पहले ले लिया गया हो)। इसके अतिरिक्त, ऐसे मामले में जहां माफी हेतु अनुरोध को ठुकरा दिया गया हो, 10 दिन से अधिक के प्रोसेसिंग पीरियड को ‘फ्री पीरियड’ माना जाएगा और इसके लिए कोई टीएससी नहीं लिया जाएगा।
- ऐसे मामले में जिसमें आंशिक या पूर्णत: माफी दी गई है, कनसाईनमेंट की डिलीवरी लेने हेतु औचित्यपूर्ण ‘फ्री टाइम’ दिया जाएगा।