कंपनी का परिचय
भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकॉर) का गठन कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत मार्च, 1988 में हुआ और इसने भारतीय रेल के उस समय विद्यमान 7 अन्तर्देशीय कंटेनर डिपो को लेकर नवम्बर, 1989 में कार्य करना आरम्भ किया।
अपनी धीमी शुरूआत से लेकर अब यह नि:संदेह बाजार में अग्रणी है क्योंकि इसका भारत में 61 टर्मिनलों का सबसे बडा नेटवर्क है। कंटेनरों के लिए रेल मार्ग से अंतर्देशीय परिवहन उपलब्ध कराने के अतिरिक्त इसने अपने व्यवसाय का विस्तार भी पत्तन प्रबंधन, एयर कार्गो परिसरों और कोल्ड चेन स्थापना तक बढा लिया है।
अपने नवीनतम रेल वैगन बेडे, ग्राहकोन्मुख़ी वाणिज्यिक प्रक्रियाऑं और सूचना प्रौद्योगिकी के बृहद प्रयोग से यह कंपनी भारत में कंटॆनरीकरण के संवर्धन की भूमिका निभा रही है और आगे भी निरंतर निभाती रहेगी। कंपनी ने भारत के अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक कंटेनरीकरण एवं व्यवसाय को बढावा देने हेतु बहुविध संभारतंत्र विकसित किया है। यद्यपि हमारी परिवहन योजना में रेल मार्ग कंपनी का मुख्य आधार है तथापि द्वार से द्वार तक सेवाओं की पूर्ति हेतु सडक सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं, भले ही वे अंतरराष्ट्रीय या आंतरिक व्यवसाय से जुडी हों।
इस कम्पनी के गठन का उद्देश्य भारत के अन्तर्राष्ट्रीय एवं आन्तरिक कंटेनरीकृत कार्गो एवं व्यवसाय हेतु बहुविध यातायात संभारतंत्र को बढ़ावा देना था तथा इसका कार्य, यह ध्यान में रखते हुए कि भारतीय रेल के नेटवर्क पर रेल यातायात सुगठित एवं अपेक्षाकृत किफायती विकल्प है, ग्राहकों से सीधे ही सम्पर्क करके ‘द्वार से द्वार तक’ सेवा प्रदान करना था जो कि सड़क यातायात का आधार है।
अभी भारत में केवल कॉनकॉर ही सामुद्रिक व्यापारियों को रेल मार्ग से कंटेनरीकृत कार्गों हेतु यातायात मुहैया कराता है। यद्यपि हमारी यातायात योजना में रेलमार्ग ही मुख्य है तथापि व्यवसायिक मांग तथा परिचालन की तत्कालिक आवश्यकताओं के अनुरूप हम सड़क मार्ग की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं। व्यावसायिक आवश्यकताओं, चाहे वे आयात - निर्यात से संबद्ध हो अथवा आन्तरिक (डोमेस्टिक) से, सभी की पूर्ति हेतु कॉनकॉर पूरे देश में फैले हुए कंटेनर टर्मिनलों का भी संचालन करता है।