श्री मनोज कुमार दूबे ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक एवं परा-स्नातक की डिग्री हासिल की है। अपने प्रथम प्रयास में ही इन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण की और 1993 बैच से आईआरएएस में नियुक्ति से पूर्व 2 वर्ष तक यूटीआई में कार्य किया और म्युच्युअल फंड की विभिन्न आकर्षक योजनाओं में ग्रामीण लोगों को शिक्षित करने और इन्हें आत्मसात करने के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य किया। प्रबंधन अध्ययन विभाग, भारतीय खान स्कूल, धनबाद से इन्होंने वित्त एवं मानव संसाधन विषय में विशेषज्ञता के साथ एमबीए में टॉप किया तथा 2011-13 के बैच हेतु सिल्वर मेडल के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित हुए।
रेल मंत्रालय में उत्कृष्ट सेवाओं के फलस्वरूप वर्ष 2011 में इन्हें नेशनल अवार्ड प्राप्त हुआ। भारतीय रेल के प्रत्येक मंडल के शतप्रतिशत कर्मचारियों को बैंक के माध्यम से वेतन का भुगतान करने में इन्होंने मार्ग प्रशस्त किया। ई-टैंडरिंग, ई-नीलामी, आरटीजीएस/निफ्ट के माध्यम से ठेकेदार/आपूर्तिकत्ताओं को भुगतान, बिल, पेंशन तथा पीएफ आदि का कंप्यूटरीकृत निपटान कराए जाने में सहयोगी रहें। इन्होंने परिचालन संबंधी कार्यों, कर्मचारियों की पोस्टिंग, पॉलिसी, प्रोत्साहन की कार्यप्रणाली में चमत्कारिक सुधार किए।
ट्रेन परिचालन प्रबंधन तथा फ्रेट लोडिंग मैकेनिज्म में इन्हें व्यापक अनुभव है। भारतीय रेल के 3 प्रमुख लोडिंग डिविजन नामत: धनबाद, आसनसोल और मुगलसराय में लगभग 15 वर्षों तक ये वित्त प्रमुख रहे है।
रेलवे बोर्ड में पीपीपी निदेशालय तथा वित्त वाणिज्य निदेशालय के निदेशक/कार्यकारी निदेशक की जिम्मेदारी गत 5 वर्षों से निभाते हुए श्री दूबे जी ने भारतीय रेल के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों जैसे मधेपुरा और महरोरा में एफओआई के माध्यम से लोको फैक्ट्री की स्थापना में कार्य किया। यह फैक्ट्री तीव्र गति की ट्रेनों हेतु मुख्यत: कार्य कर रही है। रेलवे की डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर परियोजना के इंफ्रास्टक्चर निदेशालय में प्रमुख वित्तीय सलाहकार रहें। मालभाड़ा एवं यात्री भाड़ा की टैरिफ दरों में विशेषज्ञता के साथ-साथ रणनीतिक स्तर पर कैटरिंग एवं टूरिज्म प्रोजेक्ट में भी इन्हें विशेषज्ञता हासिल है। कई महत्वपूर्ण कैबिनेट नोट ड्राफ्ट करने तथा बड़े प्रोजेक्टों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा बोली प्रक्रिया में अनुभव प्राप्त है।
भारतीय रेल और संयुक्त राज्य अमेरिका की संयुक्त उद्यम कंपनी जनरल इलैक्ट्रिकल्स तथा फ्रांस की अल्सटॉम तथा भारतीय रेल और एनएमडीसी, सेल तथा भारतीय रेल की संयुक्त उद्यम कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्य रहे हैं।
पेशेवर जिम्मेदारियों का उत्कृष्टता से निर्वहन करने के अतिरिक्त ये पदोन्नति एवं खेल-कूद प्रशासन, भारतीय शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत में सक्रिय रहे हैं। कई विदेशी वैश्विक टूर्नामेंट में ये प्रबंधक/सरकारी प्रेक्षक भी रहे हैं।