निदेशक बोर्ड
श्री संजय स्वरूप
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकश्री संजय स्वरूप
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
श्री संजय स्वरूप ने बी.ई.(ऑनर्स) - इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग आईआईटी रूड़की से किया और पीजीडीएम (पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट) आईआईएम बैंगलोर से से किया है। आप भारतीय रेलवे ट्रैफिक सर्विस (आईआरटीएस) के 1990 बैच के अधिकारी हैं।
श्री स्वरूप के पास सीपीएसई और सरकार में नेतृत्व की भूमिकाओं का व्यापक अनुभव है। 3 दशक से अधिक के करियर में आपके पास सार्वजनिक क्षेत्र एंव सरकार में कई जिम्मेदारियाँ शामिल हैं। आपने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) में अपना कैरियर शुरू किया और 4 वर्षों से भी अधिक समय तक वहां काम किया। इसके बाद, आपने भारतीय रेलवे के साथ परिचालन, वाणिज्यिक, सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी कार्यों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, श्री स्वरूप निदेशक (अंतर्राष्ट्रीय विपणन और परिचालन ) के पद पर कार्यरत थे जो कि कंपनी के लगभग 80% व्यवसाय विपणन, परिचालन, बुनियादी ढांचा विकास और कार्यनीतिक योजना का प्रबंधन करता है।
आप ड्राई पोर्ट और एमएमएलपी के डिजाइन, परिचालन और प्रबंधन में विशेषज्ञ हैं और रेलवे परिचालन , वाणिज्यिक और सूचना प्रौधोगिकी में काफी अनुभवी है। श्री स्वरूप ने 15 ग्रीनफील्ड एमएमएलपी (प्रत्येक 3 बिलियन डॉलर) को डिजाइन/स्थापित करके परिचालित किया है। आपने कंपनी में केवाईसीएल/लॉजिस्टिक्स ऐप/डिजिटल वर्कप्लेस सॉल्यूसन /एआई बेस्ड टीएमएस जैसी कई सूचना प्रौधोगिकी गतिविधियां शुरू की है और बिजनेस सॉल्यूशन /लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट/क्रेडिट पॉलिसी जैसी नवीन विपणन रणनीतियों की शुरुआत कॉनकॉर को मार्केट लीडर बनाने के लिए की गई । आपने समय सारणीबद्ध कंटेनर ट्रेनों को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों को सुव्यवस्थित किया, जिससे खाली फ्लैट वैगनों पर 48% खर्च की बचत हुई। आप जेएससी रूसी रेलवे (आरजेडडीएल) के साथ आईएनएसटीसी एमओयू/सेवा समझौते पर विचार विमर्श में और उन्हें हस्ताक्षरित करवाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। आपने नेपाल और बांग्लादेश के लिए इंटरमॉडल परिचालन को सुव्यवस्थित किया और नेपाल में एकमात्र रेलमार्ग से जुड़े ड्राई पोर्ट के परिचालन एवं उसके प्रबंधन में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आपने कॉनकॉर के स्वामित्व वाले कंटेनरों में ईरान को मल्टीमॉडल कार्गो के निर्यात का आयोजन किया और एक जापानी कंपनी के सहयोग से भारत में (Passive cooling technology ) पैशीव कूलिंग टैक्नोलोजी की शुरुआत की। आपने ग्राहकों के लिए निरंतर कार्गो दृश्यता और चैट आधारित ग्राहक शिकायत प्रणाली भी सुनिश्चित की। आपने कंपनी के 3-स्तरीय से 2-स्तरीय पुनर्गठन में, प्रशासनिक दक्षता और वित्तीय बचत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आपने सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी (यूएसए) के मैक्सवेल स्कूल, एंटवर्प पोर्ट, बेल्जियम और भारत के कई संस्थानों से प्रशिक्षिण प्राप्त किया है। श्री स्वरूप ने मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स, ड्राई पोर्ट्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट के क्षेत्रों में प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में कई पेपर प्रस्तुत किए हैं। आप चार्टर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड ट्रांसपोर्ट (CILT), एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट (AITD), सेंटर फॉर ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड मैनेजमेंट (सीटीआरएम) और ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के आजीवन सदस्य हैं।
श्री अजीत कुमार पंडा
निदेशक (परियोजना एवं सेवाएं)श्री अजीत कुमार पंडा
निदेशक (परियोजना एवं सेवाएं)
श्री अजीत कुमार पंडा ने एनआईटी, राउरकेला से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई (ऑनर्स) और आईआईटी, दिल्ली से एम.टेक (थर्मल इंजीनियरिंग) की डिग्री प्राप्त की है। वे इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (1990 बैच) के अधिकारी रहे हैं। तीन दशक से अधिक के अपने करियर में, श्री पंडा ने रेलवे सेवाओं, संचालन, निर्माण, बुनियादी ढांचे, रोलिंग स्टॉक और सार्वजनिक निजी भागीदारी में समृद्ध अनुभव और विशेषज्ञता हासिल की है।
श्री पंडा ने रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) में कार्यकारी निदेशक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग और परियोजना योजना और विकास), रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) में निदेशक (उत्पादन इकाइयां और दक्षता और अनुसंधान), ईस्ट कोस्ट रेलवे मंचेश्वर में मुख्य कार्यशाला प्रबंधक के रूप में तथा दक्षिण पूर्व रेलवे के विभिन्न अन्य पदों पर कार्य किया। हरिदासपुर पारादीप रेलवे कंपनी लिमिटेड, अंगुल सुकिंदा रेलवे लिमिटेड, कच्छ रेलवे कंपनी लिमिटेड और कृष्णापटनम रेलवे कंपनी लिमिटेड सहित 4 एसपीवी कंपनियों के निदेशक मंडल में भी शामिल रहे हैं।
श्री पंडा ने आरवीएनएल में समग्र अनुबंधों के माध्यम से फास्ट ट्रैक समग्र निष्पादन द्वारा कई अत्याधुनिक कारखानों और डिपो की स्थापना का नेतृत्व किया है। उन्होंने हाई हॉर्स पावर लोकोमोटिव और एलएचबी प्रकार के कोचों को तेजी से स्विचओवर करने के लिए रेलवे बोर्ड में रोलिंग स्टॉक योजनाओं का संचालन किया और लोकोमोटिव, कोच और वैगनों के रिकॉर्ड उत्पादन का समन्वय किया। उन्होंने संगठनात्मक परिवर्तन और विकास कार्यो की एक श्रृंखला के माध्यम से मंचेश्वर कार्यशाला में परिवर्तनकारी नेतृत्व प्रदान किया।
श्री पंडा उत्कृष्ट सेवा के लिए दो बार रेल मंत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए है।
श्री मोहम्मद अज़हर शम्स
निदेशक (आंतरिक प्रभाग)श्री मोहम्मद अज़हर शम्स
निदेशक (आंतरिक)
श्री मोहम्मद अज़हर शम्स एमबीए के साथ-साथ बी.टेक (कंप्यूटर साइंस) हैं। ये 1992 बैच के भारतीय रेल यातायात सेवा (आईआरटीएस) के अधिकारी हैं। इन्होंने अपना करियर दक्षिण-पूर्व रेलवे से शुरू किया और बाद में उत्तर/उत्तर- मध्य रेलवे में आ गए। इस अवधि के दौरान इन्होंने डीओएम/बिलासपुर, डीटीएम/टूंडला, सीनियर डीसीएम/इलाहाबाद, सीनियर डीएसओ/प्रयागराज के रूप में काम किया।
वर्ष 2007 में ये कॉनकॉर में प्रतिनियुक्ति पर सम्मिलित हुए और वरिष्ठ महाप्रबंधक के रूप में विशाखापटनम टर्मिनल के प्रभारी बनाए गए। वर्ष 2010 तक ये वहां रहे और बाद में वापिस भारतीय रेलवे में शामिल हो गए। वर्ष 2010 से 2015 तक, इन्होंने दक्षिण-पूर्व रेलवे में सीनियर डीसीएम/खड़गपुर, सीनियर डीओएम/खड़गपुर और पश्चिम-मध्य रेलवे में डिप्टी सीओएम/जबलपुर के रूप में काम किया। भारतीय रेलवे में अपने कार्यकाल के दौरान, अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन फलस्वरूप दो पुरस्कार महाप्रबंधक श्रेणी में , एक पुरस्कार रेल मंत्री श्रेणी में तथा व्यवसाय एवं यात्री सेवा शील्ड सहित कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए।
वर्ष 2015 में आप फिर से कॉनकॉर में प्रतिनियुक्ति पर आए और 2018 में यहां आमेलित हुए। कॉनकॉर में रहते हुए ये समूह महाप्रबंधक (परिचालन), समूह महाप्रबंधक (अंतर राष्ट्रीय विपणन एंव मानव संसाधन), मुख्य जन संपर्क अधिकारी , कार्यपालक निदेशक (अंतर राष्ट्रीय विपणन), कार्यपालक निदेशक (व्यवसाय विकास एवं मानव संसाधन) तथा कार्यपालक निदेशक/ एरिया-।।। जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहें हैं । पिछले कुछ वर्षों में कॉनकॉर के अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने ब्लॉक रेक मूवमेंट, वेयरहाउसिंग के रूप में कंटेनर की अवधारणा, विस्तारित गेट सुविधा, 45/90 दिनों का फ्री टाइम, पोर्ट से आईसीडी तक खाली कंटेनरों की मुफ्त रिपोजिशनिंग जैसी कई व्यवसाय अनुकूल योजनाएं शुरू कीं। लॉजिस्टिक क्षेत्र में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा से निबटने में इन योजनाओं से काफी मदद मिली हैं। मानव संसाधन प्रमुख के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने लागत में कमी करने के कई उपायों की शुरुआत की, जैसे कि संगठन को त्रि-स्तरीय से दो-स्तरीय प्रणाली में पुनर्गठित करना, शून्य आधारित मानव शक्ति समीक्षा, संगठन में सुरक्षा गार्डों की तैनाती को सुव्यवस्थित करना आदि।
ये गजलों में रूचि रखते हैं। इनकी ग़ज़ल की पहली पुस्तक ' दर हकीकत ' 2019 में प्रकाशित हुई है।
श्री प्रिय रंजन पाढ़ी
निदेशक (अंतरराष्ट्रीय विपणन एवं परिचालन)श्री प्रिय रंजन पाढ़ी
निदेशक (अंतरराष्ट्रीय विपणन एवं परिचालन)
प्रिय रंजन पाढ़ी , भारतीय रेल ट्रैफिक सर्विस (1996) के अधिकारी है। इन्हानें रेलवे परिचालन, परियोजना योजना और वित्त पोषण, कंटेनरीकृत कार्गो मुवमैंट , पीपीपी नीति कार्यान्वयन, फ्रेट कॉरिडोर , हाई स्पीड कॉरिडोर और अंतर्राष्ट्रीय रेल सहयोग के क्षेत्रों में नेतृत्व पदों पर 26 वर्षों से अधिक की सेवा की है। वर्तमान में , आप रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के पद पर हैं और डीएफसी और हाई स्पीड कॉरिडोर जैसे राष्ट्रीय महत्व की विशेष परियोजनाओं के नीति निर्माण और निष्पादन के लिए प्रमुख पदाधिकारी हैं। आपने संयुक्त उद्यमों और अन्य माध्यमों से 30,000 करोड़ रुपये तक की निवेश योजनाओं की अगुवाई करते हुए रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीपीपी नीति ढांचे की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीएफसी और हाई स्पीड परियोजनाओं के ऋण वित्तपोषण के लिए बहुपक्षीय फंडिंग एजेंसियों, विश्व बैंक और जेआईसीए के साथ हुई वार्ता को सफल बनाया। आपने एमएमएलपी के लिए एनआईसीडीसी जैसे आगामी ग्राहकों के साथ रेल नेटवर्क को जोड़ने और इन क्षेत्रों के हितधारकों को शामिल करने वाले बंदरगाह, खान और कोयला कनेक्टिविटी की बारीकी से निगरानी की है। आप पीएम गतिशक्ति के तहत महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए रेलवे बोर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर निदेशालय के नोडल अधिकारी हैं।
पहले के कार्यों में आपने एक्जिम एवं डोमेस्टिक दोनो के लिए संचालन, व्यवसाय विकास, परियोजना योजना और सरकारी/गैर-सरकारी सहयोग से निपटने वाले कॉनकॉर के समूह महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में काम करते हुए कंटेनर लॉजिस्टिक क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया। महत्वपूर्ण बात यह है कि आपने रेलवे बोर्ड में परिवहन योजना के निदेशक के रूप में भी काम किया , जिसके दौरान रेल निवेश के लिए पीपीपी नीति विकसित हुई थी और संयुक्त उद्यमों और अन्य मॉडलों के माध्यम से फलीभूत हुई । रेलवे में आपका क्षेत्रीय अनुभव मुख्य रूप से दक्षिण- पूर्व, दक्षिण -पूर्व मध्य, पूर्व लागत और उत्तरी रेलवे में माल ढुलाई संचालन, विपणन एवं योजना, मंडल परिचालन प्रमुख और उप मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, सीमेंट, अयस्कों , कंटेनर लॉजिस्टिक्स की देखरेख में रहा है।
विभिन्न अंतर-मंत्रालयी समितियों के सदस्य के रूप में आपका योगदान 12वीं पंचवर्षीय योजना पर , नीति निर्माण को कोयला और बिजली के लिए टास्क फोर्स, कोयला लिंकेज स्थायी समिति, कोयला ब्लॉकों की स्क्रीनिंग के लिए समिति और बिजलीघरों के लिए साइट चयन पर समिति में महत्वपूर्ण रहा। आपने अंतर्राष्ट्रीय रेल कॉरिडोर और रेलवे सहयोग पर अंतर सरकारी समझौतों और नीतियों पर विभिन्न वार्ताओं के लिए यूआईसी, यूएनईएससीएपी, सार्क, आसियान और बिम्सटेक जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय परिवहन मंचों में रेल मंत्रालय का प्रतिनिधित्व किया है।
इसके अतिरिक्त, आपके पास भारतीय रेल की पीएसयू एवं जेवी कंपनियों जैसे कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन, पिपावाव रेलवे कॉर्पोरेशन, हसन मैंगलोर रेल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे कंपनी, छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे कंपनी, महानदी कोल रेलवे कंपनी और झारखंड सेंट्रल रेलवे कंपनी आदि में सरकार नामित रेल मंत्रालय का निदेशक पद भी हैं। आपको वर्ष 2012 में सराहनीय सेवा के लिए रेल मंत्री राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा और वर्ष 2007 और 2014 में दो बार महाप्रबंधक की श्रेणी में सराहनीय सेवा के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
श्री अनुराग कपिल
निदेशक (वित्त)श्री अनुराग कपिल
निदेशक (वित्त)
श्री अनुराग कपिल ने हंस राज कॉलेज से रसायन विज्ञान ऑनर्स और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स और मिनेसोटा विश्वविद्यालय, यूएसए से पब्लिक अफेयर्स में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। वे 1998 बैच के भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के अधिकारी हैं।
आपने भारतीय रेलवे में विभिन्न पदों पर कार्य किया है जिनमें 2 कार्यकाल, सीनियर डीएफएम, एफए और सीएओ/ट्रैफिक, एफए और सीएओ/वित्त और सामान्य तथा डिप्टी सीवीओ के हैं। उन्होंने वर्ष 2013-2017 की अवधि में कोयला मंत्रालय में निदेशक के रूप में भी काम किया है और विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यभार संभाले हैं। आप वर्तमान कार्यभार रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक वित्त (व्यय) है, जो वित्तीय नीतिगत मामलों से सबंधित है। भारतीय रेलवे के सीपीएसई के साथ समझौता ज्ञापनों की जांच, उनके वार्षिक लक्ष्य और संबंधित मंत्रालय स्तर की मंजूरी, बोनस शेयर, शेयरों का विभाजन, शेयरों की खरीद, पीआरपी आदि जैसे प्रस्तावों की जांच शामिल है।
वित्त प्रबंधन, सरकारी लेखा और कार्मिक प्रबंधन में आपके पास 25 वर्षों का समृद्ध अनुभव है। आप के कौशल और विशेषज्ञता में नेतृत्व विकास, नीति विश्लेषण, परियोजना मूल्यांकन और वित्त पोषण, गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण, वार्ता, कार्यनीतक योजना एंव प्रबंधन , सार्वजनिक परिवहन में पीपीपी मॉडल, अनुबंध प्रबंधन, मध्यस्थता, लागत लाभ विश्लेषण, बजटीय नियंत्रण और कार्यक्रम मूल्यांकन शामिल हैं। आप अंतर-मंत्रालयी कामकाज और भारत की संसद की कार्यवाही से परिचित हैं। आपने विभिन्न नीतियां बनाई हैं जैसे कोयला ब्लॉकों की नीलामी के लिए नीति, कोयले के मूल्य निर्धारण की नीति, राज्यों को रॉयल्टी, रद्द किए गए कोयला ब्लॉकों के मूल्यांकन की नीति, अध्यादेश I और II का मसौदा तैयार करना और बाद में कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम, 2015, कोयला ब्लॉक आवंटन नियम, 2015 और 2017, आदि। आपने नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड के विनिवेश और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के गठन का भी आपकी देखरेख किया जा रहा है।
आप विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के प्रतिनिधि रहे हैं जैसे चीन खनन- 2013 सम्मेलन और प्रदर्शनी, प्राग, चेक गणराज्य में हैवी इंजीनियरिंग के लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप, दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में खनिज संसाधन और ऊर्जा पर उप समिति की सह-अध्यक्षता, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, ब्रिस्बेन और क्वींसलैंड में स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी और संयुक्त राज्य अमेरिका (बोस्टन, न्यूयॉर्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को) तथा लंदन और एडिनबर्ग में विदेशी संस्थागत निवेशकों और बैंकरों के साथ कोल इंडिया लिमिटेड के 10% विनिवेश हेतु विभिन्न रोड शो, डीप माइनिंग, भूमिगत कोयला गैसीकरण, खान सुरक्षा, पुनर्वास और भूमि के सुधार में प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में उच्च स्तरीय तकनीकी मिशन और अमीरात परमाणु ऊर्जा निगम के साथ शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन योजना के अनुसार भारतीय रेलवे के लिए स्वच्छ परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए बाराक परमाणु ऊर्जा संयंत्र, अबू धाबी का दौरा सम्मिलित है।
आप विभिन्न सीपीएसई के बोर्ड में सरकार द्वारा नामित निदेशक के रूप में भी रहे हैं जैसे सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड, मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड और कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड। आप योजना आयोग में पीपीपी, अनुबंध समझौते और अनुबंधों के मध्यस्थता, ई-खरीद, सतर्कता, प्रबंधन विकास कार्यक्रम, रणनीतिक प्रबंधन कार्यक्रम, आईएसबी, रेलवे फंडिंग के वैकल्पिक स्रोत और सतर्कता के साथ रहने जैसे विषयों में कई प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं।
वर्ष 2009 में रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट और सराहनीय सेवा के लिए आपको राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
श्री संदीप जैन
रेलवे बोर्ड, अंशकालिक सरकारी निदेशक्री संदीप जैन
रेलवे बोर्ड, अंशकालिक सरकारी निदेशक
श्री संदीप जैन, नवंबर, 1993 में भारतीय रेलवे की इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसई) में शामिल हुए और सहायक मंडल इंजीनियर, मंडल इंजीनियर, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर, उप मुख्य अभियंता/ट्रैक आपूर्ति, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/समन्वय, उप मुख्य अभियंता (निर्माण) सहित इरकॉन में मुख्य महाप्रबंधक जैसे पदों पर रहें है।
वर्तमान में, वह अक्टूबर, 2021 से रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक योजना (सिविल और पीएसयू) के रूप में कार्यरत हैं।
श्री प्रभास दंसाना
रेलवे बोर्ड, अंशकालिक सरकारी निदेशकश्री प्रभास दंसाना
रेलवे बोर्ड, अंशकालिक सरकारी निदेशक
भारतीय रेलवे यातायात सेवा के अधिकारी श्री प्रभास दंसाना वर्तमान में रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय में यातायात परिवहन (एम) के प्रधान कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वे माल ढुलाई संचालन और संबंधित नीति निर्माण से संबंधित के कार्यों के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने दक्षिण पूर्व रेलवे, पूर्वी रेलवे और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के विभिन्न डिवीजनों और मुख्यालयों में विभिन्न ट्रेन संचालन, वाणिज्यिक और सुरक्षा संबंधी कार्य किए हैं। उन्होंने कोलकाता मेट्रो और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में भी काम किया है।