प्रिय रंजन पाढ़ी , भारतीय रेल ट्रैफिक सर्विस (1996) के अधिकारी है। इन्हानें रेलवे परिचालन, परियोजना योजना और वित्त पोषण, कंटेनरीकृत कार्गो मुवमैंट , पीपीपी नीति कार्यान्वयन, फ्रेट कॉरिडोर , हाई स्पीड कॉरिडोर और अंतर्राष्ट्रीय रेल सहयोग के क्षेत्रों में नेतृत्व पदों पर 26 वर्षों से अधिक की सेवा की है। वर्तमान में , आप रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के पद पर हैं और डीएफसी और हाई स्पीड कॉरिडोर जैसे राष्ट्रीय महत्व की विशेष परियोजनाओं के नीति निर्माण और निष्पादन के लिए प्रमुख पदाधिकारी हैं। आपने संयुक्त उद्यमों और अन्य माध्यमों से 30,000 करोड़ रुपये तक की निवेश योजनाओं की अगुवाई करते हुए रेलवे में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीपीपी नीति ढांचे की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डीएफसी और हाई स्पीड परियोजनाओं के ऋण वित्तपोषण के लिए बहुपक्षीय फंडिंग एजेंसियों, विश्व बैंक और जेआईसीए के साथ हुई वार्ता को सफल बनाया। आपने एमएमएलपी के लिए एनआईसीडीसी जैसे आगामी ग्राहकों के साथ रेल नेटवर्क को जोड़ने और इन क्षेत्रों के हितधारकों को शामिल करने वाले बंदरगाह, खान और कोयला कनेक्टिविटी की बारीकी से निगरानी की है। आप पीएम गतिशक्ति के तहत महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए रेलवे बोर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर निदेशालय के नोडल अधिकारी हैं।
पहले के कार्यों में आपने एक्जिम एवं डोमेस्टिक दोनो के लिए संचालन, व्यवसाय विकास, परियोजना योजना और सरकारी/गैर-सरकारी सहयोग से निपटने वाले कॉनकॉर के समूह महाप्रबंधक और क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में काम करते हुए कंटेनर लॉजिस्टिक क्षेत्र का ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया। महत्वपूर्ण बात यह है कि आपने रेलवे बोर्ड में परिवहन योजना के निदेशक के रूप में भी काम किया , जिसके दौरान रेल निवेश के लिए पीपीपी नीति विकसित हुई थी और संयुक्त उद्यमों और अन्य मॉडलों के माध्यम से फलीभूत हुई । रेलवे में आपका क्षेत्रीय अनुभव मुख्य रूप से दक्षिण- पूर्व, दक्षिण -पूर्व मध्य, पूर्व लागत और उत्तरी रेलवे में माल ढुलाई संचालन, विपणन एवं योजना, मंडल परिचालन प्रमुख और उप मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, सीमेंट, अयस्कों , कंटेनर लॉजिस्टिक्स की देखरेख में रहा है।
विभिन्न अंतर-मंत्रालयी समितियों के सदस्य के रूप में आपका योगदान 12वीं पंचवर्षीय योजना पर , नीति निर्माण को कोयला और बिजली के लिए टास्क फोर्स, कोयला लिंकेज स्थायी समिति, कोयला ब्लॉकों की स्क्रीनिंग के लिए समिति और बिजलीघरों के लिए साइट चयन पर समिति में महत्वपूर्ण रहा। आपने अंतर्राष्ट्रीय रेल कॉरिडोर और रेलवे सहयोग पर अंतर सरकारी समझौतों और नीतियों पर विभिन्न वार्ताओं के लिए यूआईसी, यूएनईएससीएपी, सार्क, आसियान और बिम्सटेक जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय परिवहन मंचों में रेल मंत्रालय का प्रतिनिधित्व किया है।
इसके अतिरिक्त, आपके पास भारतीय रेल की पीएसयू एवं जेवी कंपनियों जैसे कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन, पिपावाव रेलवे कॉर्पोरेशन, हसन मैंगलोर रेल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे कंपनी, छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे कंपनी, महानदी कोल रेलवे कंपनी और झारखंड सेंट्रल रेलवे कंपनी आदि में सरकार नामित रेल मंत्रालय का निदेशक पद भी हैं। आपको वर्ष 2012 में सराहनीय सेवा के लिए रेल मंत्री राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा और वर्ष 2007 और 2014 में दो बार महाप्रबंधक की श्रेणी में सराहनीय सेवा के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।